शिव भक्त जिस समय का बेसब्री से इंतजार करते हैं, वह सावन का महीना आज यानी 22 जुलाई से शुरू हो गया है। इसके साथ ही सावन का पहला सोमवार व्रत भी आज रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना पूरी श्रद्धा से करने पर जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।
भगवान शिव हिंदू देवताओं में सर्वोच्च भगवान माने जाते हैं और इन्हें सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक माना गया है। भगवान शिव अक्सर अपने गले में वासुकी नाग को धारण किए रहते हैं, जो दर्शाता है कि वे हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवताओं में से एक हैं। सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है, जो महादेव को बेहद प्रिय है। यह महीना विशेष रूप से शिवजी की पूजा के लिए समर्पित होता है। शिव भक्त इस महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि सावन का महीना शिवजी की कृपा पाने के लिए सबसे सर्वोत्तम माना जाता है।
सावन में विधिपूर्वक भगवान शंकर की पूजा-अर्चना और व्रत रखने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है और भोलेनाथ के साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है। भगवान शिव के अन्य रूप में शिवलिंग की पूजा की जाती है, जिसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। शिवपुराण में सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त को समाप्त होगा।
शिव पूजा के लिए सामग्री:
- कच्चा दूध
- चंदन
- दही
- शहद
- जल (गंगा जल भी हो सकता है)
- बेल पत्र
- धतूरे के फूल, फल सहित
- सफेद मुकुट फूल
- जनेऊ
- अगरबत्ती या धूपबत्ती
- घी
- पंच पात्र
- साफ कपड़ा
- घंटी
- कपूर
- पीतल का दीपक
- नारियल
- भस्म
शिव जी की पूजा विधि:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल को साफ करके शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें।
- शिवजी को बिल्वपत्र, फूल, धूप-दीप अर्पित करें।
- शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से करें। अभिषेक के दौरान “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- अभिषेक के बाद शिवलिंग को साफ कपड़े से पोंछें।
- भगवान शिव को फल, मिठाई और फूल भोग के रूप में चढ़ाएं। आप उनकी प्रिय चीजें जैसे भांग, पान और बेलपत्र आदि भी चढ़ा सकते हैं।
- शिवलिंग के पास दीपक या दिया जलाएं।
- महामृत्युंजय मंत्र और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- अंत में आरती कर प्रार्थना करें और भगवान शिव का आशीर्वाद मांगकर पूजा का समापन करें।
- परिवार के सदस्यों में प्रसाद बांटें।
सावधानियाँ:
- चमड़े की चीजों का इस्तेमाल न करें।
- मांसाहार और शराब का सेवन न करें।
- सोमवार का व्रत रखकर सात्विक भोजन ही करें।
मंत्र जाप:
- “ॐ नमः शिवाय”
- “ॐ पार्वतीपतये नमः”
- “ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व:”
- “ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्”
- “ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ”
- “नमो नीलकण्ठाय”
- “ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय”