छत्तीसगढ़ से गया के लिए पहली सीधी ट्रेन, पिंडदान यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

भारत में पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए कई महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है गया, जो फल्गु नदी के तट पर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या के दिन गया में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है और पितरों की आत्मा को शांति व मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए गया को “मोक्ष स्थली” कहा जाता है। पुराणों में उल्लेखित है कि भगवान विष्णु स्वयं गया में पितृदेव के रूप में निवास करते हैं।

अब छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए गया तक पहुंचना और भी आसान हो गया है। रेलवे बोर्ड ने छत्तीसगढ़ के लिए गया-लोकमान्य तिलक (एलटीटी) के बीच एक नई सीधी ट्रेन की घोषणा की है, जो बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और नागपुर होते हुए गुजरेगी। यह ट्रेन गया से हर बुधवार और एलटीटी से हर शुक्रवार को चलेगी। छत्तीसगढ़ से गया जाने वाली यह पहली नियमित ट्रेन होगी, जिससे यात्रियों को अब ट्रेन बदलने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।

रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह कोई विशेष ट्रेन नहीं बल्कि नियमित ट्रेन होगी। ट्रेन गया से हर बुधवार शाम 7 बजे रवाना होगी और शुक्रवार सुबह 5:50 बजे लोकमान्य तिलक (एलटीटी) पहुंचेगी। वहीं, एलटीटी से यह ट्रेन हर शुक्रवार दोपहर 1:15 बजे रवाना होकर शनिवार रात 10:50 बजे गया पहुंचेगी। ट्रेन में 22 कोच होंगे और इसका विस्तृत समय-सारणी जल्द ही जारी की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि दीपावली से पहले इस ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा।

इस ट्रेन के शुरू होने से बिलासपुर समेत छत्तीसगढ़ से गया जाने वाले हजारों यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अब तक गया के लिए कोई नियमित ट्रेन उपलब्ध नहीं थी। पूजा स्पेशल ट्रेनों के चलते किराया भी अधिक होता है और कभी भी इन्हें बंद किया जा सकता है।

स्टेशनों पर ठहराव:
यह ट्रेन गया के बाद हजारबाग टाउन, बारकक्ना, मेरसा, रांजी, हटीया, राऊरकेला, झारसुगड़ा, रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, गोंदिया, नागपुर, वर्धा, भंडारा, अकोला, भुसावल, जलगांव, नासिक, कल्याण और लोकमान्य तिलक (एलटीटी) स्टेशनों पर रुकेगी।

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