शिवनाथ नदी प्रदूषण मामला: हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग जारी, पानी में ऑक्सीजन स्तर मानक से ऊपर

बिलासपुर। शिवनाथ नदी को शराब डिस्टिलरी से निकलने वाले रासायनिक अपशिष्ट के कारण प्रदूषित करने के मामले में सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि पिछले 5 महीनों के दौरान लिए गए पानी के सैंपलों में ऑक्सीजन की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है।

कोर्ट को बताया गया कि सभी सैंपलों में ऑक्सीजन स्तर 5 से ऊपर है, जबकि मछली पालन के लिए न्यूनतम आवश्यक स्तर 4 होता है। इसका मतलब है कि नदी का पानी वर्तमान में आवश्यक पर्यावरणीय मानकों को पूरा कर रहा है।

हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे मॉनिटरिंग के तहत रखा है और अगली सुनवाई अगस्त माह में निर्धारित की है।

गौरतलब है कि डिस्टिलरी से निकलने वाले केमिकल के कारण शिवनाथ नदी के प्रदूषित होने और मवेशियों तथा मछलियों की मौत की खबरें सामने आई थीं। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने 3 फरवरी 2025 को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

इसके अनुपालन में मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी ने एक शपथपत्र प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि 7 मार्च और 24 मार्च 2025 को संबंधित उद्योग का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में यह पाया गया कि उद्योग ने ड्रायर और आरओ युक्त बहु-प्रभाव वाष्पीकरण प्रणाली (Multi-Effect Evaporator) स्थापित की है। अपशिष्ट जल का उपचार कर उसका उपयोग शीतलन, धूल नियंत्रण और पौधरोपण में किया जा रहा है।

निरीक्षण के समय उद्योग शून्य उत्सर्जन की स्थिति में पाया गया। विभागीय अधिकारी लगातार निगरानी बनाए हुए हैं और पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच की जा रही है।

इस मामले में अब अगली सुनवाई अगस्त में होगी, जिसमें मॉनिटरिंग रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।

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