उज्जैन। बाबा महाकाल के दरबार में छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी एक श्रद्धालु ने चांदी की भव्य पालकी भेंट की है, जिसकी कीमत करीब 22 लाख रुपये बताई जा रही है। इस अद्वितीय दान को गुप्त रखा गया है, और दानदाता ने अपनी पहचान सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया।
100 दिनों में तैयार हुई अनोखी पालकी
पुजारी भावेश व्यास और लोकेंद्र व्यास की प्रेरणा से लगभग 100 दिनों की मेहनत से इस रजत पालकी का निर्माण किया गया। करीब 20 किलो 600 ग्राम चांदी से तैयार यह पालकी अपने विशेष और सुंदर डिजाइन के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। पालकी के पूजन में मंदिर समिति के सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी, राम जी पुजारी समिति के सदस्य रामनाथ जी महाराज भरतरीगुफा और प्रशांत त्रिपाठी भी उपस्थित थे।
विशेष डिजाइन और भव्यता
पुजारी भावेश व्यास ने बताया कि मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को इस अनोखी पालकी को बाबा महाकाल को समर्पित किया गया। पालकी में भगवान का सूर्य मंडल दर्शाया गया है, स्वस्तिक चिह्न अंकित है, और अग्रभाग में दो सिंहों का कलात्मक अनावरण किया गया है। इसे कमल पुष्पों से सजाया गया है, जो इसे और भी भव्य बनाते हैं।
भक्ति और समर्पण का प्रतीक
पालकी के निर्माण और सजावट की सारी प्रक्रिया उज्जैन में ही संपन्न हुई। इसे भेंट करने वाले भक्त की लंबे समय से बाबा महाकाल के प्रति कुछ विशेष अर्पित करने की इच्छा थी, जो इस अद्वितीय रजत पालकी के रूप में पूरी हुई।