खंडवा जिले के किसान मौजीलाल की कहानी एक अनोखी कहानी है। 2007 से वह अपनी जमीन का मुआवजा पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस दौरान वह कई बार कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में अपनी समस्या रख चुका है, लेकिन हर बार उसे सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
हाल ही में, मौजीलाल फिर से कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर के सामने खड़े होकर कहा कि पिछली बार आपने मुझे कपड़े दिए थे, ये वापस ले लीजिए। क्योंकि मेरी समस्या का निराकरण नहीं हुआ। मेरी पत्नी और बच्चे भी ताने दे रहे हैं।
कलेक्टर ने तत्काल अफसरों से बात की और मौजीलाल को 7 दिन का आश्वासन दिया। मौजीलाल फिर घर लौट गया, लेकिन इस बार वह उम्मीद कर रहा है कि उसकी समस्या का निराकरण होगा।
मौजीलाल की कहानी कई किसानों की कहानी है जो अपनी जमीन का मुआवजा पाने के लिए सालों से संघर्ष कर रहे हैं।