Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के बैतूल में शिवरात्रि मेले में स्नेक कैचर ग्रुप के सदस्यों ने सपेरों से कई सांपों को मुक्त करवाया है। ये सांप यातनाओं और भोजन-पानी की कमी से परेशान थे। पकड़ में आए सपेरों ने सर्पों के विषदंत तोड़ रखे थे और विषग्रंथियाँ निकाल दी थीं। वे लोगों को नाग देवता बताकर सांपों के माध्यम से रुपए कमा रहे थे।
सूचना पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और सर्पमित्रों की सहायता की। वन विभाग ने सपेरों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
सांप संरक्षित वन्य जीव की श्रेणी में आते हैं। इनको मारना, पकड़ना, डिब्बा में बंद करना, विष की थैली निकालना, चोट पहुंचाना, और प्रदर्शनी लगाना अपराध है।
सर्पमित्रों ने मेले में ही सपेरों की धरपकड़ कर वन विभाग को इसकी सूचना दी। वन विभाग के अमले ने भी सर्पमित्रों को जरूरी सहायता देते हुए सर्पों को मुक्त करवाकर उन्हें जंगलों में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया।
यह घटना सांपों के प्रति क्रूरता और उनके संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। स्नेक कैचर ग्रुप और वन विभाग की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। सांपों को पकड़ना और उन्हें प्रदर्शनी में रखना गैरकानूनी है।