कर्नाटक के मुख्यमंत्री एम. सिद्धारमैया 135 विधायकों और सांसदों के साथ दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे हैं। वे केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने राज्य के फंड में कटौती की है और सौतेला व्यवहार कर रही है। यह आंदोलन 7 फरवरी 2024 को शुरू हुआ था और अभी भी जारी है।
सिद्धारमैया ने कहा कि केंद्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि राज्य को मिलने वाले फंड में कटौती की गई है और केंद्र सरकार राज्य की योजनाओं को मंजूरी नहीं दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के लिए विशेष दर्जा देने की मांग को भी अनदेखा किया है।
कर्नाटक के विधायकों और सांसदों ने भी केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कर्नाटक के विकास को रोक रही है। वे केंद्र सरकार पर राज्य के फंड में कटौती और सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगा रहे हैं।
यह आंदोलन कर्नाटक में राजनीतिक तनाव का कारण बन गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस आंदोलन का समर्थन किया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस आंदोलन को राजनीतिक हित साधने का प्रयास बताया है।
यह देखना बाकी है कि यह आंदोलन केंद्र सरकार पर क्या प्रभाव डालता है। क्या केंद्र सरकार कर्नाटक की मांगों को मानेगी या नहीं?