Khairagarh : देश का भविष्य माने जाने वाले बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शासन प्रशासन द्वारा समय-समय पर अनेक नीतियां और योजनाएं लागू की जाती हैं। परंतु धरातल पर इन नीतियों का क्रियान्वयन अत्यंत निराशाजनक होता है। जिन शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी होती है, उन पर ही नकल करवाने जैसा गंभीर आरोप लगता है। और जिम्मेदार अधिकारी हमेशा की तरह जांच और कार्रवाई का आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसा ही एक मामला खैरागढ़ से सामने आया है।
जिला मुख्यालय स्थित स्वामी आत्मानंद कन्या शाला में 10वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों पर नकल कराने का आरोप लगाया था। अब एक बार फिर यह मामला तूल पकड़ रहा है। प्रार्थी छात्र फिर शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और SDM प्रेमकुमार पटेल से मिलकर पूरे मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए लिखित शिकायत दी है।
दरअसल, 9 मार्च को 10वीं बोर्ड परीक्षा में अपने चहेते छात्रों को नक़ल करवाने की शिकायत लेकर बच्चे जिला कार्यालय पहुंचे थे। शिकायत के बाद से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बच्चों ने एक और बड़ा आरोप शिक्षकों पर लगाया है। बच्चों की मानें तो शिकायत के बाद मीडिया में चली ख़बरों को उनके द्वारा शेयर करने पर कुछ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उन्हें मैसेज करके प्रिंसिपल द्वारा नोटिस देने की बात कही है। नोटिस की बात से डरकर फिर एक बार बच्चे जिला कार्यालय पहुंचे हैं और SDM प्रेमकुमार पटेल से मुलाकात कर पूरे मामले की शिकायत भी की हैं।
पूरे मामले को लेकर SDM प्रेमकुमार पटेल ने कहा कि पूरे मामले को लेकर बच्चे उनके पास आवेदन लेकर आए थे। बच्चों को आश्वस्त किया गया है कि उनकी पूर्व की शिकायत पर संबंधित विभाग कार्रवाई कर रही है। विभाग को निष्पक्षता से पूरे मामले की जांच करने को निर्देशित भी किया गया है|
यह घटना शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का जीता-जागता उदाहरण है। यदि शिक्षक ही नकल करवाने में लिप्त हैं, तो फिर बच्चों का भविष्य क्या होगा? यह चिंता का विषय है।