बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षकों के लिए बड़ी राहत वाली खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने उच्च न्यायालय के खंडपीठ के फैसले को चुनौती दी थी। यह मामला सहायक शिक्षक सोना साहू के क्रमोन्नत वेतनमान से जुड़ा था, जिन्होंने बिना पदोन्नति के 10 वर्षों से अधिक सेवा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि 2017 के सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार, 10 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ मिलना ही चाहिए, चाहे वे पंचायत विभाग से स्कूल शिक्षा विभाग में आए हों।
राज्य सरकार का यह तर्क कि सोना साहू को समय वेतनमान मिल चुका है, इसलिए वे क्रमोन्नति वेतनमान के हकदार नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि 2013 के वेतन संशोधन के बाद उनका समय वेतनमान छीन लिया गया था और उन्हें 10 सालों तक कोई उन्नयन नहीं मिला।
अब स्कूल शिक्षा विभाग से बकाया राशि के लिए सोना साहू ने अवमानना याचिका दायर की है। इस पर उच्च न्यायालय ने विभाग के सचिव को 19 मार्च 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है।