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रायपुर में क्या हो रहा है! मंदिर की संपत्ति हड़पने का मामला, बड़े आंदोलन की तैयारी

रायपुर। रामचन्द्र स्वामी मंदिर ट्रस्ट की 500 करोड़ रुपए की संपत्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रायपुर निवासी अकलेश जैन ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि तहसीलदार अजय चंद्रवंशी ने कलेक्टर रायपुर का नाम राजस्व अभिलेखों से विलोपित कर कथित महंत राम आशीष दास के नाम पर संपत्ति दर्ज कर दी है।

भू-माफिया गिरोह का आरोप
अकलेश जैन ने आरोप लगाया कि महासमुंद निवासी हरमीत सिंह खनुजा और कथित महंत राम आशीष दास ने एक संगठित गिरोह बनाकर मंदिरों और संस्थाओं की कीमती जमीनों को हड़पने का षड्यंत्र रचा है। जैन का कहना है कि इस गिरोह में भाजपा के पदाधिकारियों और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत है।

मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा
जैन ने आरोप लगाया कि महासमुंद और रायपुर के हनुमान मंदिर, गोपीदास मंदिर और रामचन्द्र स्वामी मंदिर की सैकड़ों एकड़ जमीन अवैध तरीके से हरमीत सिंह खनुजा और राम आशीष दास द्वारा बेची जा रही है। यह जमीन संवत् 1944 में दानदाता उमा देवी द्वारा मंदिर को दान में दी गई थी, जिसे किसी भी प्रकार से स्थानांतरित करने पर रोक थी।

अवैध आदेश और अधिकारियों की भूमिका
जैन के मुताबिक, 27 और 28 फरवरी 2024 को पारित आदेशों के माध्यम से प्रबंधक कलेक्टर रायपुर और सार्वजनिक न्यास का नाम राजस्व अभिलेखों से हटा दिया गया। इसके स्थान पर राम आशीष दास का नाम दर्ज कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व अधिकारियों ने इस प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाई और भू-माफिया को समर्थन दिया।

मुख्यमंत्री से शिकायत और चेतावनी
जैन ने बताया कि इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पुलिस थाने में की गई है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर कांफ्रेंस में भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

अकलेश जैन ने चेतावनी दी कि यदि अवैध आदेश निरस्त कर जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया गया तो वे भू-माफिया से पीड़ित लोगों को एक मंच पर लाकर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

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