छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्राहकों को बड़ी राहत: सरकार ने प्रति मानक बोरा दर बढ़ाकर दी सौगात

रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता, जिसे ‘हरा सोना’ कहा जाता है, वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आय का एक मुख्य स्रोत है। राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की सुविधाओं में वृद्धि करते हुए प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक दर 4,000 रुपये से बढ़ाकर 5,500 रुपये कर दी है, जिससे राज्य के लगभग 12.50 लाख संग्राहकों को सीधा लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में इस दर वृद्धि का निर्णय लिया गया, जिससे संग्राहकों को 240 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके स्थानीय बैंक सखियों के माध्यम से आसानी से पारिश्रमिक प्राप्त हो रहा है। इस व्यवस्था के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में नगद भुगतान का विकल्प भी प्रदान किया गया है। बैंक मित्रों और सखियों ने अब तक हजारों संग्राहकों को लाखों रुपये का भुगतान किया है।

इसके अतिरिक्त, सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों के बच्चों के लिए शिक्षा प्रोत्साहन योजना भी चला रही है, जिसमें कक्षा 9 से स्नातक तक वार्षिक सहायता राशि दी जाती है। वहीं, बंद पड़ी चरण पादुका योजना को पुनः शुरू करने की घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत 14 लाख संग्राहक परिवारों को चप्पलें दी जाएंगी।

सरकार के इस कदम से तेंदूपत्ता संग्राहकों में खुशी की लहर है, और वे मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कर रहे हैं।

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