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धर्मांतरण पर अंतिम संस्कार को लेकर विवाद, प्रशासन की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार

भानुप्रतापपुर। कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड में शुक्रवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक परंपराओं के टकराव को उजागर कर दिया। ईसाई धर्म अपना चुके मैनु राम के अंतिम संस्कार को लेकर उनके परिजनों और गांववालों के बीच जोरदार विवाद खड़ा हो गया। ग्रामीणों का कहना था कि गांव की सीमा के भीतर धर्मांतरित व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने से उनकी संस्कृति और रीति-रिवाज प्रभावित होंगे।

ग्रामीणों ने रोका गांव में अंतिम संस्कार

जानकारी के अनुसार, कोदा पाखा गांव निवासी मैनु राम की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। परिजन गांव की अपनी जमीन पर उनका अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया। उनका तर्क था कि धर्मांतरण के बाद गांव के पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार नहीं हो सकता। सूचना मिलने पर दुर्गूकोंदल पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश दी, मगर ग्रामीणों ने अपनी बात से पीछे हटने से इनकार कर दिया।

भानुप्रतापपुर में भी विरोध

ग्रामीणों के अड़ियल रुख के चलते परिजन शव को भानुप्रतापपुर स्थित मसीही समाज के कब्रिस्तान ले आए। यहां भी कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। हालात बिगड़ने पर नगर पंचायत अध्यक्ष निखिल सिंह राठौर, मसीही समाज के अध्यक्ष जितेंद्र बेंजामिन और अन्य लोग एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी बात रखी।

प्रशासन ने कराया अंतिम संस्कार

विवाद बढ़ता देख अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीएम भानुप्रतापपुर ने हस्तक्षेप किया। देर शाम बैठक के बाद सहमति बनी कि अंतिम संस्कार मसीही कब्रिस्तान में ही किया जाएगा। हालांकि, भविष्य में वहां ऐसे अंतिम संस्कार की अनुमति न देने पर भी सहमति जताई गई। इसके बाद तीन दिन पुराने शव का अंतिम संस्कार खराब मौसम के बीच प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में देर रात संपन्न कराया गया।

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