रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को साइबर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट का मुद्दा जोरशोर से उठा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने साइबर ठगी की रकम और पीड़ितों को वापस की गई राशि को लेकर सवाल किया। इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 168 करोड़ रुपए की ठगी में से अब तक करीब 5.20 करोड़ रुपए की राशि पीड़ितों को लौटाई गई है।
डिजिटल अरेस्ट और ठगी के बैंक खाते बने चिंता का विषय
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि अब तक 12 मामलों में डिजिटल अरेस्ट किया गया है और कार्रवाई जारी है। इस पर विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाया कि 1795 बैंक खातों में ठगी की रकम वसूली गई थी, लेकिन इनमें से 921 खाते अब भी चालू हैं। उन्होंने पूछा कि इन खातों को अब तक बंद क्यों नहीं किया गया? इस पर गृहमंत्री ने कहा कि ठग एक खाते से दूसरे खाते में रकम ट्रांसफर कर लेते हैं, लेकिन प्रारंभिक खाते को बंद किया जाता है।
722 साइबर ठगों की पहचान, 300 पर हुई कार्रवाई
अजय चंद्राकर ने बताया कि 722 साइबर ठगों की पहचान की गई है, लेकिन अब तक केवल 300 के खिलाफ कार्रवाई हुई है। बाकी बचे ठगों पर कब कार्रवाई होगी? इस पर गृहमंत्री ने कहा कि जल्द ही सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष भारत में 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ है और इसका विस्तार अब जर्मनी जैसे देश भी कर रहे हैं।
साइबर क्राइम रोकने के लिए राज्य सरकार की तैयारियां
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार साइबर क्राइम को रोकने के लिए नई रणनीति अपना रही है। उन्होंने बताया कि –
* पाँच संभागों में साइबर थानों की अपग्रेडेशन हो चुकी है।
* सभी थानों में साइबर सेल खोली जा रही है।
*पाँच साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है।
*129 लोगों को इंडियन साइबर क्राइम सेंटर से प्रशिक्षण दिलाया गया है।
साइबर क्राइम रोकने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत
अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि सरकार ने आधुनिक उपकरण तो जुटा लिए, लेकिन इन्हें चलाने के लिए कितने एक्सपर्ट उपलब्ध हैं? इस पर गृहमंत्री ने कहा कि बाहरी एक्सपर्ट नहीं बुलाए जा सकते, इसलिए स्थानीय मैनपावर को चिन्हांकित कर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
क्या खुल गए साइबर थाने?
अजय चंद्राकर ने पूछा कि सरकार ने साइबर थाने खोलने की घोषणा की थी, क्या ये शुरू हो गए? इस पर गृहमंत्री ने बताया कि राज्य के पाँच संभागों में साइबर थानों की स्थापना हो चुकी है और सभी थानों में साइबर सेल शुरू की जा रही है।