Site icon India & World Today | Latest | Breaking News –

गिद्धों के लिए स्वर्ग है MP की ये जगह, कुछ ही सालों में बढ़ी इतनी आबादी

mp news

mp news

MP News : मध्य प्रदेश, जो पहले ‘टाइगर-स्टेट’ के रूप में जाना जाता था, अब गिद्धों के लिए भी एक अनुकूल राज्य बन गया है। दमोह के रानी दुर्गावती अभ्यारण्य में गिद्धों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

2022 में, 100 गिद्धों की तुलना में 2023 में 155 गिद्धों की गणना की गई है, जो 55% की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि गिद्धों के लिए अच्छी खबर है, जो पहले विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहे थे।

यह वृद्धि गिद्धों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी अच्छी है। गिद्ध प्रकृति के ‘सफाई कर्मचारी’ के रूप में काम करते हैं और मृत जानवरों को खाकर बीमारियों के फैलने को रोकते हैं।

मध्य प्रदेश में गिद्धों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें ‘रेड हेडेड वल्चर’, ‘व्हाइट-रम्प्ड वल्चर’ और ‘इंडियन गिद्ध’ शामिल हैं।

अभ्यारण्य में 155 लाल सिर वाले गिद्धों की गणना की गई है, जो उनके परिवारों के साथ सुबह धूप सेंकते हुए देखे जा सकते हैं। 3 दिवसीय गिद्ध गणना के दौरान तेंदूखेड़ा, तारादेही, झलौन और तेजगढ़ वनपरिक्षेत्र में अधिक संख्या में लाल सिर वाले गिद्ध पाए गए।

गिद्ध गणना के दौरान वन विभाग के अमले को इनके घोंसले भी मिले हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि यह प्रजाति इस अभ्यारण्य को अपना निवास स्थान बना रही है।

गिद्धों की संख्या में गिरावट का मुख्य कारण ‘डाइक्लोफेनाक’ नामक दवा है, जो पशुओं में दर्द निवारक के रूप में इस्तेमाल होती है। जब गिद्ध मृत पशुओं को खाते हैं जिनमें डाइक्लोफेनाक होता है, तो उनके गुर्दे खराब हो जाते हैं और वे मर जाते हैं।

Exit mobile version