Dewas : मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित खिवनी वन्य प्राणी अभयारण्य से खुशखबरी आई है। बाघिन मीरा और बाघ युवराज ने 3 शावकों को जन्म दिया है। यह तीनों शावक अभयारण्य के लिए एक नई उम्मीद की किरण हैं।
इन तीनों नवजात शावकों के साथ, खिवनी अभयारण्य में अब कुल 6 बाघ हो गए हैं। पहले से ही 3 बाघ नियमित रूप से अभयारण्य में रहते थे और 3 अन्य बाघ आते-जाते रहते थे।
पिछले पांच-छह महीनों से, बाघिन मीरा अपने शावकों को अत्यंत सावधानी से रख रही है। वह उन्हें अपनी आंखों से दूर नहीं होने देती है। अब शावक धीरे-धीरे बड़े हो रहे हैं और बाघ के शिकार को भी खाने लगे हैं।
अभयारण्य प्रबंधन इस खबर से बहुत खुश है। उनका कहना है कि वे इन शावकों की विशेष निगरानी कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षित रखा जाए।
खिवनी अभयारण्य 134.77 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यह भारत के राष्ट्रीय पशु, बाघ का प्राकृतिक आवास है। यहां तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, लोमड़ी, चीतल, नीलगाय, चौसिंगा, जंगली सुअर जैसे कई अन्य वन्यप्राणी भी रहते हैं।
यह अभयारण्य 1955 में स्थापित किया गया था और यह मध्य प्रदेश का पहला अधिसूचित अभयारण्य है।
खिवनी अभयारण्य में बाघिन मीरा और बाघ युवराज द्वारा दिए गए 3 शावकों का जन्म वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक खुशी की बात है। यह दर्शाता है कि अभयारण्य में बाघों के संरक्षण के लिए किए गए प्रयास सफल हो रहे हैं।