गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। बिलासपुर और मरवाही वनमंडल की सीमा पर एक बाघिन विचरण करते हुए नजर आई है। खोंगसरा और भनवारटंक होते हुए गौरेला मार्ग पर राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने बीती रात बाघिन का वीडियो बनाया। बाघिन के इंसानी आबादी के बेहद करीब पहुंचने से वन विभाग की चिंता बढ़ गई है।
कान्हा किसली से आई बाघिन
बताया जा रहा है कि यह बाघिन पिछले एक महीने से मरवाही, कोरबा और बिलासपुर वनमंडल की सीमा में घूम रही है। वन विभाग के अनुसार, यह बाघिन मध्यप्रदेश के कान्हा किसली से निकली थी और नया ठिकाना तलाश रही है। पहले इसे चिरमिरी के जंगलों से रेस्क्यू कर अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) में छोड़ा गया था। लेकिन वहां से निकलकर यह फिर से मरवाही वनमंडल के जंगलों में सक्रिय हो गई है।
वन विभाग की निगरानी और कॉलर ID
बाघिन फिलहाल गौरेला-खोंगसरा मार्ग के जंगलों और बानघाट के आसपास देखी जा रही है। इसके गले में लगे कॉलर ID से वन विभाग लगातार उसकी मूवमेंट पर नजर रखे हुए है। अधिकारियों ने इन क्षेत्रों में भ्रमण से बचने की सलाह दी है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
एटीआर की ओर बढ़ रही बाघिन
मरवाही वनमंडल के डीएफओ रौनक गोयल ने बताया कि बाघिन अब बिलासपुर डिवीजन के बेलगहना रेंज में प्रवेश कर चुकी है और केंवची बफर क्षेत्र से अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर बढ़ रही है। वन विभाग नियमित निगरानी कर रहा है ताकि इंसानी आबादी को किसी भी खतरे से बचाया जा सके।