बलौदाबाजार-भाटापारा जिला राजस्व वसूली में भले ही अग्रणी है, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। खनिज, यातायात और आबकारी विभाग से राज्य की आय में बड़ा योगदान देने वाले इस जिले में पुलिस की कार्रवाई केवल छोटे वाहन चालकों तक सीमित नजर आ रही है, जबकि ओवरलोड बड़े वाहन “टोकन सिस्टम” के सहारे बेरोकटोक दौड़ रहे हैं।
क्या है टोकन सिस्टम?
सूत्रों के मुताबिक, जिले में भारी वाहनों के निर्बाध आवागमन के लिए एक अवैध “टोकन सिस्टम” चल रहा है। इसमें छोटे और बड़े वाहनों के लिए अलग-अलग रंग के टोकन जारी किए जाते हैं, जो एक तय रकम चुकाने के बाद मिलते हैं। ये टोकन पुलिस और परिवहन विभाग की अनुमति जैसा काम करते हैं, जिससे वाहन चालक बिना रोक-टोक गाड़ियों को जिले के भीतर और बाहर ले जा सकते हैं।
बड़े वाहन चालकों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई सिर्फ ग्रामीण मोटरसाइकिल चालकों तक सीमित है। ओवरलोड ट्रक और बड़े वाहन आसानी से गुजर जाते हैं। यहां तक कि शराब पीकर वाहन चलाने वाले बड़े वाहन चालकों पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि रोजमर्रा के काम से शहर आने वाले बाइक सवारों पर सख्ती की जाती है।
व्यापार पर असर
व्यापारियों ने चिंता जताई कि पुलिस की सख्ती के कारण ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोगों की संख्या घट रही है, जिससे बाजारों की बिक्री प्रभावित हो रही है। लोगों का कहना है कि जितने का सामान खरीदने आते हैं, उससे ज्यादा का चालान भरकर लौटना पड़ता है, जिससे लोग अब शहर आने से कतराने लगे हैं।
यातायात डीएसपी का बयान
यातायात डीएसपी अमृत कुजुर ने पहले ऐसी किसी भी अवैध व्यवस्था से इनकार किया, लेकिन जब भाटापारा से मिली शिकायतों का जिक्र हुआ तो उन्होंने जांच जारी होने की बात कही। उनका बयान अप्रत्यक्ष रूप से टोकन सिस्टम की मौजूदगी की ओर इशारा कर रहा है।
अब उठता है सवाल
क्या पारदर्शिता और सुशासन की बात करने वाले जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस अवैध सिस्टम पर कड़ी कार्रवाई करेंगे? या फिर ये मामला भी सिर्फ जांच और फाइलों तक ही सीमित रह जाएगा?