रायगढ़। जिंदल स्टील प्लांट में देर रात हुए एक गंभीर हादसे में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी कर्मचारी विजय बहादुर की मौत हो गई। हादसा प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस-01 में अत्यधिक गर्मी के कारण हुआ। बताया जा रहा है कि यह दुर्घटना रात 2 से 3 बजे के बीच हुई थी। घायल हालत में विजय बहादुर को तत्काल जिंदल फर्स्टिस हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुनरावृत्ति की चेतावनी को नजरअंदाज किया गया?
जानकारों के अनुसार, इस प्रकार की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन संयंत्र प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यही लापरवाही एक और कर्मचारी की जान जाने की वजह बन गई।
ट्रेड यूनियन की सख्त मांग
घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन काउंसिल के जिला अध्यक्ष पिंटू सिंह अन्य सदस्यों के साथ अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है। यूनियन ने प्लांट प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
अब सवाल उठता है—कब तक?
क्या जिंदल जैसे बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा अब भी प्राथमिकता नहीं है? क्या हर हादसे के बाद केवल मुआवजे की मांग ही एकमात्र समाधान है? यह हादसा सिर्फ एक कर्मचारी की मौत नहीं, बल्कि श्रमिक सुरक्षा तंत्र की असफलता की एक और मिसाल है।