डोंगरगढ़ के प्रसिद्ध मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के चुनाव से पहले आदिवासी समाज ने ट्रस्ट में 50% आरक्षण की मांग करके राजनीतिक और सामाजिक बहस छेड़ दी है। 20 जुलाई को मतदान और 21 जुलाई से नए ट्रस्ट मंडल के गठन की प्रक्रिया शुरू होनी है, लेकिन आदिवासियों की यह मांग चुनावी समीकरणों को बदल सकती है।
आदिवासी समाज ने दिया ज्ञापन, धमकी से बड़े आंदोलन की
सर्व आदिवासी समाज ने राजनांदगांव कलेक्टर को ज्ञापन देकर कहा है कि मां बम्लेश्वरी देवी गोंड जनजाति की आराध्य देवी हैं और सदियों से इस मंदिर में उनका परिवार पूजा-अर्चना करता आया है। हालांकि, ट्रस्ट में उनकी कोई भागीदारी नहीं है। समाज ने चेतावनी दी है कि अगर 50% आरक्षण नहीं मिला, तो वे बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।
करोड़ों के चुनाव में नया मोड़
मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट का चुनाव हमेशा से हाई-प्रोफाइल रहा है। इस बार भी दो पैनल अपनी आर्थिक ताकत, राजनीतिक पहुंच और सामाजिक प्रभाव का इस्तेमाल कर जीत की रणनीति बना रहे हैं। लेकिन आदिवासी समाज की मांग ने चुनावी माहौल को नया मोड़ दे दिया है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पैनल अब इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं, क्योंकि अगर आदिवासी समाज एकजुट होकर मतदान को प्रभावित करता है, तो परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं।