रायपुर, 28 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जनजातीय रॉक क्लाइम्बर्स के चयनित समूह को अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिमालयी गाइडों के साथ अल्पाइन पर्वतारोहण अभियान के लिए मियार घाटी भेजा जा रहा है। यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जहां राज्य सरकार भारतीय हिमालय में तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण पर्वतारोहण के लिए जनजातीय पर्वतारोहियों को प्रायोजित कर रही है। इस अभियान में रोहित व्यास एक प्रमुख नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहे हैं।
अल्पाइन पर्वतारोहण की विशेषता
अल्पाइन शैली में पर्वतारोहण पारंपरिक पर्वतारोहण से अलग होता है। इसमें हल्के उपकरणों का उपयोग, छोटे दलों में और बिना किसी पूर्व-स्थापित शिविरों या फिक्स्ड रस्सियों के पहाड़ों पर चढ़ाई शामिल होती है। इसे पर्वतारोहण की सबसे शुद्ध और चुनौतीपूर्ण शैली माना जाता है, जिसे आमतौर पर पेशेवर पर्वतारोही ही अपनाते हैं।
इस अभियान का उद्देश्य राज्य के युवाओं में साहसिक खेलों को बढ़ावा देना और भारतीय हिमालय में तकनीकी पर्वतारोहण को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करना है। यह पहल भारतीय पर्वतारोहण के पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
जशपुर में साहसिक खेलों का विस्तार
जशपुर प्रशासन साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय गाइडों के लिए आय के अवसर भी पैदा कर रहा है। आईएएस अधिकारी श्री रोहित व्यास ने कहा, “इस अभियान के माध्यम से हम जशपुर की छवि को बदलना चाहते हैं। हम जनजातीय युवाओं की ताकत और क्षमता को देश के सामने लाकर एक नई पहचान देना चाहते हैं।”
इस अभियान का नेतृत्व “पहाड़ी बकरा एडवेंचर” के निदेशक स्वप्निल शिरीष राचेलवार कर रहे हैं। इस पहल को वैदिक वाटिका, जशप्योर, एड्वेनॉम, काफ़ी मीडिया और रनर्सएक्सपी जैसे स्थानीय संगठनों का समर्थन प्राप्त है। साथ ही, मिस्टिक हिमालयन ट्रेल और क्रेग डेवलपमेंट इनिशिएटिव जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियां भी इस मिशन में सहयोग कर रही हैं।
चयनित पर्वतारोहियों और अभियान की योजना
इस अभियान के लिए तेजल भगत, सचिन कुजूर, प्रतीक नायक, रूषनाथ भगत और रवि को चयनित किया गया है। अभियान सितंबर में निर्धारित है, जबकि इसकी पहली प्रारंभिक कार्यशाला कल से देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर, छत्तीसगढ़ में शुरू होगी। पूरे वर्ष भर चयनित भारतीय कोचों और एथलीटों की भागीदारी के साथ आगे की कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
अभियान से अपेक्षित लाभ
- क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
- जनजातीय प्रतिभा को भारतीय पर्वतारोहण समुदाय में पहचान मिलेगी
- देश में साहसिक खेलों का विकास होगा