छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में लोन वर्राटू अभियान से प्रेरित होकर दो माओवादी आत्मसमर्पण करने आए। दोनों माओवादी, जिनकी पहचान ओंकार और सुकुल के रूप में की गई है, ने सुरक्षा बलों के सामने अपनी हार मान ली और आत्मसमर्पण किया। उन्होंने माओवादियों के झूठे सिद्धांतों से मुक्ति पाने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है।
यह आत्मसमर्पण लोन वर्राटू अभियान के तहत किया गया, जो माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित करने और उन्हें सामाजिक पुनर्वास का अवसर प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। इस अभियान में सुरक्षा बलों द्वारा माओवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए उत्प्रेरक बने विभिन्न कदम उठाए गए हैं।
सुरक्षा बलों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों पर कई गंभीर मामले दर्ज थे, लेकिन उन्हें अब सामाजिक पुनर्वास और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का अवसर मिलेगा। यह कदम राज्य में माओवादी हिंसा की रोकथाम और शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।