Surajpur: जिले के किसान इन दिनों गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। एक ओर बेमौसम बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं दूसरी ओर हाथियों का आतंक किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहा है। महीनों की मेहनत के बाद जब किसान धान की फसल काटने की तैयारी में थे, तभी हाथियों ने तैयार फसलों को चट करना शुरू कर दिया, जिससे किसान अपनी आंखों के सामने अपनी मेहनत को बर्बाद होते हुए देखने को मजबूर हैं।
प्रतापपुर क्षेत्र में हाथियों का साल भर आना-जाना लगा रहता है, जिससे यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है। यह स्थिति खासकर किसानों के लिए बेहद चिंताजनक है, क्योंकि हाथी उनकी मेहनत से तैयार की गई फसल को रौंदकर बर्बाद कर देते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए वन विभाग के पास कोई ठोस योजना नहीं है, जिससे किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
किसानों का दर्द
शिव भजन मरावी, एक स्थानीय किसान, बताते हैं, “शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण हमारे किसान बर्बाद हो रहे हैं। हाथियों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। अगर जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।”
किसानों का कहना है कि वे पहले भी इस मुद्दे पर कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। हाथियों के प्रकोप से फसलों के नुकसान के साथ-साथ ग्रामीणों की जान-माल को भी खतरा बना रहता है।
वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल
किसान वन विभाग की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि विभाग के पास न तो कोई विशेष योजना है और न ही हाथियों को नियंत्रित करने के लिए कोई कारगर प्रयास किए गए हैं। हर साल किसान अपनी फसल को बचाने के लिए संघर्ष करते हैं, लेकिन कोई ठोस राहत नहीं मिलती।
अगर हाथियों के इस प्रकोप से निपटने के लिए जल्द कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया, तो किसानों के लिए फसल उगाना और अपनी आजीविका को बचाना और भी मुश्किल हो जाएगा।