रायपुर: तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर उठे विवाद के बाद विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने छत्तीसगढ़ के सभी मठ-मंदिरों और मंदिर ट्रस्टियों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में विहिप ने मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है और मंदिरों से गैर-हिंदुओं को प्रसाद वितरण करने से बचने का आग्रह किया है।
विहिप के प्रदेश प्रचार प्रमुख आचार्य नीलेश शर्मा ने बताया कि कुछ विधर्मी तत्वों द्वारा हिंदू धर्म और आस्था के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। तिरुपति मंदिर में प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने की घटना से हिंदू समाज में काफी रोष है। इसीलिए विहिप ने छत्तीसगढ़ के मंदिरों में प्रसाद की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए यह पत्र लिखा है।
पत्र में क्या कहा गया है?
विहिप ने अपने पत्र में मंदिरों को निम्नलिखित निर्देश दिए हैं:
- गैर-हिंदुओं को प्रसाद न दें: मंदिरों को गैर-हिंदुओं को प्रसाद वितरण करने से बचने का निर्देश दिया गया है।
- प्रसाद की जांच: मंदिरों को प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता की जांच करने के बाद ही उसे भक्तों को वितरित करने का निर्देश दिया गया है।
- नवरात्रि में विशेष सावधानी: नवरात्रि के पर्व पर मंदिरों में घी की शुद्धता की विशेष जांच की जाए।
- आस्था से जुड़े मामलों पर ध्यान दें: मंदिरों को अपनी आस्था से जुड़े सभी मामलों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।
विहिप का विरोध प्रदर्शन
विहिप ने तिरुपति मंदिर में प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने की घटना के खिलाफ एक अक्टूबर को रायपुर में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इस विरोध प्रदर्शन में विहिप के कार्यकर्ता दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे और मुख्यमंत्री और राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेंगे।
