हाईकोर्ट ने स्पेशल टीचर्स की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक टाली सुनवाई

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की भर्ती मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करने का निर्णय लिया है। आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि राज्य में 60 हजार से अधिक विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए पर्याप्त स्पेशल शिक्षक नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश लंबित

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि इसी मामले को सुप्रीम कोर्ट में भी दायर किया गया था और सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले सभी राज्य सरकारों को स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करने का निर्देश दिया था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक इस आदेश का पालन नहीं किया है।

आरटीई एक्ट का उल्लंघन

आरटीई एक्ट के अनुसार, पहली से आठवीं कक्षा तक 10 बच्चों पर एक स्पेशल टीचर होना अनिवार्य है। जबकि नौवीं से बारहवीं कक्षा तक 15 बच्चों पर एक स्पेशल टीचर होना चाहिए। लेकिन राज्य में इस नियम का पालन नहीं हो रहा है।

अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद

हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की है। कोर्ट ने कहा कि यदि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट से कोई आदेश आता है तो याचिकाकर्ता को कोर्ट को सूचित करना होगा।

विशेष जरूरतों वाले बच्चों की शिक्षा बाधित

स्पेशल शिक्षकों की कमी के कारण राज्य में विशेष जरूरतों वाले बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द स्पेशल शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करे।

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