छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में इस बार मौसम का कहर उन हजारों परिवारों पर भारी पड़ा है, जिनकी रोजी-रोटी का बड़ा जरिया हरे सोने यानी तेंदूपत्ता है। तेज आंधी, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश ने न केवल तेंदूपत्ता तोड़ाई को प्रभावित किया, बल्कि इसकी गुणवत्ता पर भी असर डाला है। नतीजतन, इस साल तेंदूपत्ता संग्राहकों को लगभग 90 करोड़ रुपये के पारिश्रमिक का नुकसान होने की आशंका है।
बारिश, ओले और आंधी ने बिगाड़ी कमाई की तस्वीर
हर साल गर्मियों में तेंदूपत्ता तोड़ाई के जरिए बस्तर संभाग के हजारों ग्रामीणों की आमदनी होती है, लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। लगातार हो रही बारिश, तेज हवाओं और ओलावृष्टि के चलते तेंदूपत्ते की तोड़ाई न सिर्फ प्रभावित हुई, बल्कि उसकी गुणवत्ता में भी कमी आई है।
बस्तर संभाग के चार जिलों – बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा – में इस साल तेंदूपत्ता संग्रहण का काम लक्ष्य से काफी पीछे रह गया है। विभाग ने इस बार 2 लाख 70 हजार 600 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक महज 1 लाख 16 हजार 999 मानक बोरे ही संग्रहीत हो सके हैं। यह काम 101057 संग्राहकों द्वारा 92 लाटों में किया गया है।
रिकॉर्ड से काफी पीछे रहा इस साल का संग्रहण
पिछले साल यानी 2024 में बस्तर संभाग के संग्राहकों को कुल 155 करोड़ रुपये का पारिश्रमिक दिया गया था, जो एक रिकॉर्ड था। लेकिन इस बार संग्रहण बेहद कम होने के कारण अनुमानित पारिश्रमिक केवल 64 लाख 34 हजार 995 रुपये रहेगा। इसका मतलब यह है कि लगभग 90 करोड़ रुपये की पारिश्रमिक हानि संभावित है, जिसका सीधा असर तेंदूपत्ता संग्राहकों के घरों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा।
अधिकारियों ने बताया – तेंदूपत्ता की गुणवत्ता भी हुई प्रभावित
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार मौसम के असमय बदलाव की वजह से न सिर्फ तेंदूपत्ता की मात्रा घटी है, बल्कि उसकी गुणवत्ता में भी गिरावट आई है। कोमल और ताजे पत्ते तेज हवाओं और बारिश की वजह से झड़ गए हैं या नष्ट हो गए हैं। इससे तेंदूपत्ता व्यापार पर भी असर पड़ेगा क्योंकि खराब गुणवत्ता वाले पत्तों की बाजार में मांग कम होती है।
जीविका के प्रमुख साधन पर संकट
तेंदूपत्ता संग्रहण बस्तर के हजारों ग्रामीणों के लिए सिर्फ एक मौसमी रोजगार नहीं, बल्कि उनकी वार्षिक कमाई का मुख्य आधार होता है। गर्मियों में जब खेती-किसानी का काम बंद होता है, तब यही हरा सोना उन्हें आर्थिक संबल देता है। लेकिन इस साल बेमौसम बारिश और प्राकृतिक आपदाओं ने इस कमाई के स्रोत को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।