Site icon India & World Today | Latest | Breaking News –

रायपुर में लागू होगी पुलिस कमिश्नर प्रणाली, कौन बनेगा पहला कमिश्नर?

रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने की घोषणा ने प्रदेश की राजनीति और प्रशासन दोनों में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के इस फैसले को बड़ा प्रशासनिक सुधार माना जा रहा है। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर कौन होगा? पुलिस मुख्यालय में इसको लेकर चर्चा तेज है और चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम प्रमुख दावेदारों के तौर पर उभरकर सामने आए हैं।

कमिश्नर की दौड़ में चार बड़े नाम

  1. सुंदरराज पी. (2003 बैच) – वर्तमान में बस्तर रेंज के आईजी हैं और माओवादी मोर्चे पर लंबे समय से डटे हुए हैं। केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
  2. राहुल भगत (2005 बैच) – वर्तमान में मुख्यमंत्री साय के सचिव हैं और बेहद करीबी अफसरों में गिने जाते हैं। उनकी प्रशासनिक समझ और मुख्यमंत्री के विश्वास को देखते हुए उनका नाम भी मजबूत दावेदारों में शामिल है।
  3. अमरेश मिश्रा (2005 बैच) – रायपुर रेंज के आईजी होने के साथ-साथ वर्तमान में ईओडब्ल्यू-एसीबी के चीफ भी हैं। राजधानी के कानून-व्यवस्था के हालात और भ्रष्टाचार निरोधक जांच में उनकी सक्रिय भूमिका उनकी दावेदारी को मजबूत करती है।
  4. अजय यादव (2004 बैच) – पुलिस मुख्यालय में पदस्थ हैं और इससे पहले रायपुर के एसएसपी रह चुके हैं। रायपुर और बस्तर दोनों जगह का अनुभव उनके पक्ष में जाता है।

किस रैंक का अधिकारी बनेगा कमिश्नर?

इस पद को लेकर यह भी सवाल है कि रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर एडीजी स्तर का अधिकारी होगा या फिर आईजी स्तर का। अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन एडीजी रैंक के अधिकारी को यह जिम्मेदारी मिलने की संभावना ज्यादा जताई जा रही है।

प्रक्रिया और सेटअप

गृह विभाग ने संकेत दिया है कि नवंबर या दिसंबर तक रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया जा सकता है। फिलहाल मध्य प्रदेश की कमिश्नरी प्रणाली का अध्ययन किया जा रहा है। वहां एडीजी रैंक का अधिकारी पुलिस आयुक्त होता है, उसके नीचे आईजी रैंक का संयुक्त आयुक्त और डीआईजी रैंक का अपर आयुक्त बनाए जाते हैं। क्राइम और कानून-व्यवस्था के लिए अलग-अलग जिम्मेदारियां तय होती हैं।

रायपुर में भी इसी तरह का सेटअप तैयार किया जाएगा। अनुमान है कि दो से तीन महीने में ढांचा खड़ा कर दिया जाएगा और उसके बाद पोस्टिंग को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

Exit mobile version