World Sparrow Day : गौरैया एक ऐसा पक्षी है जो हमारे घरों के आंगन में चहचहाहट से खुशियां लाता था। लेकिन आजकल, गौरैया को देखना बहुत मुश्किल हो गया है। बढ़ते प्रदूषण, पेड़ों की कटाई और शहरीकरण के कारण गौरैया की संख्या में तेजी से गिरावट आई है।
विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है, ताकि लोगों को गौरैया की घटती संख्या के बारे में जागरूक किया जा सके और इस खूबसूरत पक्षी को बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके।
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के दल्लीराजहरा में रहने वाले वीरेंद्र सिंह, जिन्हें ग्रीन कमांडो के नाम से जाना जाता है, गौरैया को बचाने के लिए एक अनोखी मुहिम शुरू की है। उन्होंने अपने गाल पर गौरैया की तस्वीर बनवाई है और लोगों से गौरैया के संरक्षण के लिए अपील कर रहे हैं।

वीरेंद्र सिंह गौरैया को भीषण गर्मी से बचाने के लिए पेड़ों के नीचे मिट्टी के बर्तन में पानी और दाना भी डाल रहे हैं। वे स्कूली बच्चों को भी इस मुहिम में शामिल कर रहे हैं और रैलियां आयोजित कर रहे हैं।
गौरैया एक महत्वपूर्ण पक्षी है। यह कीटों को नियंत्रित करने में मदद करता है और पर्यावरण के स्वास्थ्य का संकेतक भी माना जाता है। गौरैया की घटती संख्या चिंता का विषय है, और हमें इस खूबसूरत पक्षी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
कुछ तरीके जिनसे आप गौरैया को बचाने में मदद कर सकते हैं
- अपने घर में गौरैया के लिए घोंसले बनाएं।
- पेड़ों को न काटें और नए पेड़ लगाएं।
- गौरैया को दाना और पानी दें।
- पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में योगदान दें।
- वीरेंद्र सिंह की मुहिम के बारे में लोगों को जागरूक करें।
बता दें कि विश्व गौरैया दिवस की शुरुआत नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया और फ्रांस के इको-सिस एक्शन फाउंडेशन ने की थी। पहला विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च, 2010 को मनाया गया था।