तहसीलदारों की हड़ताल, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा – जल्द काम पर लौटेंगे

रायपुर। प्रदेशभर में तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसके चलते तहसील दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है और लोग अपने जरूरी कामों के लिए भटक रहे हैं।

राजस्व मंत्री ने दिए संकेत

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि तहसीलदारों के साथ उनकी कई मांगों पर चर्चा हो चुकी है और जल्द समाधान निकलने की उम्मीद है। उन्होंने भरोसा जताया कि तहसीलदार शीघ्र हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटेंगे।

तहसीलदार संघ का कहना

तहसीलदारों का कहना है कि वे लंबे समय से सेवा शर्तों, वेतन विसंगतियों और पदोन्नति जैसी मांगों को लेकर शासन से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन ठोस कदम न उठने के कारण मजबूर होकर हड़ताल करनी पड़ी।

तहसीलदार संघ की प्रमुख मांगें

  • हर तहसील में पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति (कंप्यूटर ऑपरेटर, पटवारी, चपरासी, राजस्व निरीक्षक आदि)
  • डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता: 50:50 अनुपात (सीधी भर्ती व प्रमोशन) बहाल किया जाए
  • नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा: पूर्व घोषणा लागू हो
  • वेतनमान व ग्रेड पे में सुधार
  • सरकारी वाहन और ड्राइवर की सुविधा सभी तहसीलों में उपलब्ध हो
  • निलंबन मामलों में जल्द बहाली: 15 दिनों में जांच पूरी कर बहाली
  • न्यायालयीन मामलों को जन शिकायत श्रेणी से बाहर रखा जाए
  • न्यायालयीन आदेशों पर FIR दर्ज न हो: जज प्रोटेक्शन एक्ट 1985 का पालन
  • प्रोटोकॉल ड्यूटी से अलग न्यायालयीन काम के लिए व्यवस्था
  • आउटसोर्सिंग से स्टाफ की भर्ती का अधिकार तहसीलदार को मिले
  • तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति (जैसे स्वामित्व योजना, भू-अभिलेख, ई-कोर्ट)
  • SLR और ASLR की पुनर्नियुक्ति
  • सरकारी मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए जाएं: निजी नंबर की गोपनीयता बनी रहे
  • हर तहसील में सुरक्षा गार्ड व फील्ड कार्यों के लिए वाहन उपलब्ध कराया जाए
  • सड़क दुर्घटना में तत्काल मुआवजे के स्पष्ट दिशा-निर्देश
  • संघ को सरकार से मान्यता मिले: ताकि वार्ता व समाधान प्रक्रिया में शामिल हो सके
  • राजस्व न्यायालय सुधार के लिए विशेषज्ञ कमेटी का गठन

आमजन को बढ़ी परेशानी

तहसीलदारों की इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर छात्रों और ग्रामीणों पर पड़ रहा है। आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र से लेकर नक्शा नकल और नामांतरण जैसे काम पूरी तरह अटके हुए हैं। रोजाना हजारों लोग तहसील कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, मगर निराश लौट रहे हैं।

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