रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार अवैध प्लॉटिंग और जमीन धोखाधड़ी पर लगाम कसने के लिए बड़े बदलाव करने जा रही है। जल्द ही नए नियम लागू किए जाएंगे, जिसके तहत कोई भी बिल्डर या कॉलोनाइजर प्लॉटिंग की अनुमति लेने से पहले यह बताना अनिवार्य होगा कि किस हिस्से में कौन सा निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा हर प्लॉटिंग क्षेत्र में बाउंड्रीवॉल बनाकर स्पष्ट सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।
नए नियमों के मुताबिक, सड़क की लंबाई-चौड़ाई पहले से तय की जाएगी ताकि प्लॉटिंग के बाद रास्तों की जमीन की बिक्री न हो सके। राज्य सरकार को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है, जिनमें लोगों ने बिल्डरों पर रोड और सामुदायिक सुविधाओं की जमीन बेचने का आरोप लगाया था।
ये होंगे नए नियमों के फायदे और प्रावधान:
- बिल्डर की जवाबदेही: नक्शा पास कराने के लिए बिल्डर को यह स्पष्ट करना होगा कि किस हिस्से में कौन-सा निर्माण होगा। फोटो सबूत जमा करना और भौतिक सत्यापन करवाना भी जरूरी होगा।
- गलत जानकारी पर कार्रवाई: अगर कोई कॉलोनाइजर गलत जानकारी देता है, तो एफआईआर करवाई जा सकती है और उसका नक्शा पास नहीं किया जाएगा।
- रेरा की सख्ती: यदि नियमों का उल्लंघन होता है तो रेरा उस प्रोजेक्ट की खरीद-बिक्री पर रोक लगा सकता है।
क्या बदल जाएगा अब:
- पहले प्लॉटिंग में गार्डन, क्लब जैसी सुविधाओं का वादा कर जमीन बेच दी जाती थी, बाद में उस जमीन पर दूसरा निर्माण कर दिया जाता था।
- अब हर निर्माण क्षेत्र की बाउंड्रीवॉल और दिशा तय होगी। सड़क और रास्तों की जमीन भी सुरक्षित रहेगी।
नए नियमों की खास बातें:
- प्लॉटिंग क्षेत्र 2 से 10 एकड़ तक सीमित रहेगा।
- भूखंड विकास के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल 3.25 एकड़ अनिवार्य।
- कम्यूनिटी हॉल या क्लब के लिए 2%, और व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए 3% जमीन छोड़ी जाएगी।
- सड़क की चौड़ाई कम से कम 9 मीटर और आंतरिक मार्ग की चौड़ाई 8 मीटर होगी।
- प्लॉट की अधिकतम साइज 150 वर्गमीटर तय की गई है।
- एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) का लाभ भी नियमों के अनुसार मिलेगा।
आवास मंत्री ओपी चौधरी का बयान: ओपी चौधरी ने कहा कि ये नियम लोगों को सस्ते और सुरक्षित आवास देने के लिए बनाए गए हैं। इससे जमीन खरीदने वाले धोखाधड़ी से बचेंगे और प्लॉटिंग व्यवस्था पारदर्शी होगी।