दुर्ग। भारतमाला परियोजना के तहत शिल्पग्राम थनौद में बन रहे अंडरपास को लेकर किसानों और स्थानीय ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। गुरुवार को थनौद गांव में हुए प्रदर्शन में बिरेझर और चंगोरी के किसान भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। किसानों ने अंडरपास की ऊंचाई बढ़ाने और कालम सिस्टम लागू करने की मांग की, ताकि बड़ी मूर्तियों के परिवहन और कृषि गतिविधियों में दिक्कत न हो।
प्रमुख मांगें:
- अंडरपास की ऊंचाई बढ़ाई जाए।
- सड़क निर्माण में कालम सिस्टम अपनाया जाए।
- धान और अन्य फसलों के परिवहन में आ रही दिक्कतें दूर हों।
- बरसात के पानी के निकास की बेहतर व्यवस्था की जाए।
किसानों की चिंताएं:
किसान नेता बंटी हरमुख ने बताया कि मौजूदा अंडरपास की ऊंचाई कम होने से न केवल बड़े वाहनों का आवागमन बाधित होता है, बल्कि बारिश के दिनों में जलभराव की वजह से खेतों को नुकसान होने का खतरा भी बना रहता है। उन्होंने कहा, “हमें बड़े आर्डर मिलते हैं, लेकिन अंडरपास कम ऊंचाई का होने से मूर्तियों को ले जाने में दिक्कत आती है। साथ ही, खेतों की उपज को नुकसान हो रहा है।”
प्रशासन ने दिया आश्वासन:
प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों से बातचीत की। तहसीलदार वासुमित्र दीवान ने बताया कि किसानों की शिकायतें राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) प्राधिकरण को भेजी गई हैं और समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। प्रशासन के आश्वासन के बाद किसानों ने छह महीने की मोहलत देकर अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया।