कल देर रात तक सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित महानदी मंत्रालय भवन में केबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में सीएम साय के अलावा, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव समेत केबिनेट के सभी सदस्य मौजूद रहे। केबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। केबिनेट की बैठक में मोदी की गारंटी को लेकर चर्चा हुई .
चार घंटे की बैठक में छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2024-25 का अनुमोदन किया गया। इसमें यह निर्णय लिया गया कि कोई भी नई मदिरा दुकान नहीं खोली जाएगी। इसके साथ ही बिलासपुर हाईकोर्ट में ज्वाइंट रजिस्ट्रार के 5 पद मंजूर किए गए हैं। इसके साथ ही डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि, प्रदेश में अवैध शराब और नशे का कारोबार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, प्रदेश में धर्मांतरण का मुद्दा बेहद गंभीर हैं।
साय कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय :-
- षष्ठम् विधानसभा के द्वितीय सत्र यानी बजट सत्र फरवरी-मार्च 2024 के लिए राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। बजट सत्र पांच फरवरी से आरंभ होकर एक मार्च तक चलेगा। इस दौरान कुल 20 बैठकें होंगी। सत्र की शुरुआत राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन के भाषण से होगी। कुल 957 सवालों में तारांकित 505 और 452 अतारांकित सवाल लगे हैं। इस दौरान प्रदेश के तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2023-2024 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। बजट अनुमान वर्ष 2024-25 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2023-2024 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
- बजट अनुमान वर्ष 2024-25 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदनकिया गया।
- छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2024-25 का अनुमोदन किया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी नई मदिरा दुकान नहीं खोली जाएगी।
- छत्तीसगढ़ सिविल न्यायालय (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में ज्वाईंट रजिस्ट्रार (एम) के 5 पद आकस्मिकता निधि से सृजित करने का निर्णय लिया गया है . इस संशोधन में ‘जिला न्यायाधीश‘ को ‘प्रधान जिला न्यायाधीश‘ और ‘अपर जिला न्यायाधीश‘ को ‘जिला न्यायाधीश‘ करने का प्रावधान रखा गया है।इसी तरह ‘व्यवहार न्यायाधीश प्रथम वर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘व्यवहार न्यायाधीश द्वितीयवर्ग‘ को ‘व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी‘ तथा ‘जिला न्यायालय‘ को ‘प्रधान जिला न्यायालय‘ से प्रतिस्थापित करने का प्रावधान रखा गया है।