सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के भटगांव थाना के सामने छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा ने संयुक्त रूप से एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपते हुए आदिवासियों और किसानों की मांगों को पूरा करने की अपील की।
प्रमुख मांगें
- आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक और धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा
- मसीही समाज के प्रार्थना स्थलों पर हमलों पर रोक
- वन अधिकार पट्टों का वितरण
- धर्मांतरण के नाम पर झूठे मामले रोकना
- धान खरीदी केंद्रों में बोरा भराई, तौल और ढुलाई की राशि का भुगतान
- पर्याप्त कृषि ऋण और कर्ज माफी
- बिना एग्री स्टैक के धान खरीदी
- सस्ती दरों पर खाद और बीज उपलब्ध कराना
- बिजली बिल माफी
किसान सभा के राज्य महासचिव कपिलदेव पैकरा ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस छत्तीसगढ़ में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और आदिवासियों पर हमले बढ़ रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
आदिवासी एकता महासभा के अध्यक्ष सुरेंद्रलाल नेटी ने कहा कि सरकार आदिवासियों की जमीन छीनने की कोशिश कर रही है और उनकी संवैधानिक एवं धार्मिक अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष शामिल हुए और सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन और विधानसभा घेराव किया जाएगा।