छत्तीसगढ़ में 24 घंटे खुल सकेंगी दुकानें, नया अधिनियम लागू

रायपुर: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पूरे प्रदेश में 24 घंटे दुकानों को खुला रखने की अनुमति दे दी है। इसके लिए छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही पुराना अधिनियम 1958 और नियम 1959 को समाप्त कर दिया गया है।

छोटे दुकानदारों को राहत

नए अधिनियम के तहत केवल उन दुकानों और स्थापनाओं पर नियम लागू होंगे, जहां 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इससे छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी क्योंकि पहले बिना किसी कर्मचारी वाली दुकानों को भी अधिनियम के दायरे में रखा गया था।

पंजीयन प्रक्रिया और शुल्क में बदलाव

  • पंजीयन शुल्क अब कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय होगा, जो 1,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच रहेगा। पहले यह शुल्क 100 रुपये से 250 रुपये तक था।
  • सभी पात्र दुकानों और स्थापनाओं को 6 महीने के भीतर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
  • श्रम विभाग के पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
  • कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि में पहले से पंजीकृत दुकानें नए अधिनियम में स्वतः शामिल होंगी।

अब दुकानें 24 घंटे खुल सकेंगी

  • पहले सप्ताह में एक दिन दुकानें बंद रखना अनिवार्य था, लेकिन अब वे पूरे सप्ताह और 24 घंटे खुली रह सकती हैं
  • कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश देना अनिवार्य होगा।
  • कुछ सुरक्षा शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों को रात में काम करने की अनुमति दी जाएगी।

कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा

  • सभी दुकानों को कर्मचारियों का रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करना होगा।
  • हर साल 15 फरवरी तक कर्मचारियों का वार्षिक विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
  • जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, लेकिन नियोजकों को कोर्ट की कार्रवाई से बचने का विकल्प भी दिया गया है।

निरीक्षक के बजाय फैसिलिटेटर की नियुक्ति

अब निरीक्षकों की जगह फैसिलिटेटर और मुख्य फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यापारियों और नियोजकों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

पंजीयन प्रक्रिया अब श्रम विभाग के अधीन

पहले यह कार्य नगरीय निकायों द्वारा किया जाता था, लेकिन अब 13 फरवरी 2025 से श्रम विभाग द्वारा किया जाएगा। इस बदलाव से छोटे दुकानदारों को राहत, पंजीयन प्रक्रिया में सरलता और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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